प्रदुषण का मुख्य आशय उस क्रिया से है जब कोई चीज़ प्रकृति के विरुद्ध होती है और उस चीज़ को प्रकृति रीसायकल नहीं कर पाती है | जिससे प्रदुषण होता है | प्रदुषण को आप निम्न तरीके से परिभाषित कर सकते है - " प्रदुषण वह जैविक क्रियात्मक कर परिणाम है जो जीवो के लिए हानिकारक सिद्ध होती है और साथ - साथ ही प्रदुषण हमारे पृथ्वी के पर्यावरण के लिए हानिकारक है "

प्रदुषण का मतलब उससे है की आपने कोई वस्तु को प्रयोग किया और उसे उसमे की प्रयोग आने वाली चीजों को प्रयोग करके फेक दिया और अनावश्यक तत्व को पृथ्वी के वातावरण में ऐसे तत्व जो रीसायकल हो जाते है वो अधिक नुकसानदायक नहीं होते , वरन जो जल्दी से मिटटी के साथ नहीं मिलते है वो पर्यावरण को प्रदूषित करते रहते है |



प्रदुषण कैसे होता है 

प्रदुषण का अच्छा उदहारण आपको देता हूँ , जब आप ने बाज़ार से खाने के लिए केले को ख़रीदा और उसको खाकर आपने उसके छिलके को कूड़ेदान में ना फेककर उसे खुली जगह पर फेक दिया तो ये प्रदुषण फैलाना हो गया क्योकि जब आप ने छिलके को फेका तो वो सड़ेगा और उसके आसपास वायु को प्रदूषित करेगा | यही काम आप यदि कूड़ेदान में फेककर करते तो उसका प्रयोग खाद बनाने के लिए प्रयोग होता जिससे की वो वस्तु रीसायकल भी हो जाति है और उससे फायदा भी हमारा हो जाता है |

प्रदुषण के प्रकार 

हमारे आज के समय में प्रदुषण बहुत ही खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है | आप तो जानते ही होंगे की सभी महानगर पर्यावरण प्रदुषण से पीड़ित है वहा पर ना ही साफ़ हवा मिल पाती है और ना ही पिने का साफ़ पानी | ऐसे में वहा पर प्रदुषण की सबसे बड़ी समस्या हो गयी है |

प्रदुषण के प्रकार की बात करे तो " प्रदुषण मुख्यतः 4 प्रकार के होते है "
1.  वायु प्रदुषण
2. जल प्रदुषण
3. थल प्रदुषण
4. रासायनिक प्रदुषण

1. वायु प्रदुषण - वायु प्रदुषण का मुख्य आशय हमारी पृथ्वी के वायुमंडल को प्रदूषित होने से है | इसमें हवा इस कदर प्रदूषित हो जाति है की वो सांस लेने के लायक नहीं रह जाति है , आप शायद जानते है की दिल्ली जैसे महानगर में आज वह की हवा इस कदर प्रदूषित है की वहा पर लगभग रोज हजारो लोग सांस और फेफड़े की समस्या से ग्रसित है |

2. जल प्रदुषण - जल प्रदुषण का मुख्य आशय जल के पदुषित होने से है इसमें पानी के गन्दा होने से वो पिने लायक नहीं होता है न ही उसमे कोई जलीय जीव उसमे रह पाते है |

3. थल प्रदुषण - जब हमारी धरती की मिटटी प्रदूषित हो जाति है तो उसमे पेड़ पौधे उग नहीं पाते है यदि उगते भी है तो वो रोगग्रस्त होते है | उसमे प्रयाप्त विकाश नहीं हो पाता है | और वो अपने क्षमता के अनुसार लाभ नहीं दे पाते  है |

4. रासायनिक प्रदुषण - आजकल सभी कल कारखानों से गंदे जल निकलते है और उनसे भारी मात्रा में खराब रासायनिक पदार्थ भी निकलते है | जिसे रासायनिक प्रदुषण कहा जाता है |

निष्कर्ष 

हमने आपको बताया की प्रदुषण क्या है ? और प्रदुषण कितने प्रकार के होते है  | प्रदुषण के सभी पहलुओ को हमने शोर्ट और संक्षिप्त में बताया |
आपको कैसे लगी जानकारी हमें कमेंट करके बताये |